Sunday, October 13, 2013

writing to Maha CM is end of road. Shocking but true..........Alok


#Narendramodifansh

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नितीश कुमार बिहार को विकसित करना चाहते है| पर किस तरह? बिहार के ही एक बिजनेसमेन का अनुभव उनके खुद के शब्दों में पढ़िए| इनका नाम है ‘राजीब कुमार रॉय’ और ये ना नितीश कुमार से या ना नरेंद्र मोदी या भाजपा से जुड़े हुवे है| इनकी खुद की फेसबुक प्रोफाइल का लिंक भी निचे है|


https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10201236316482706&set=a.1472798932692.2066944.1015225244&type=1&theater


ये बिहार के लिए क्या कहेते है :
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में एक बिजनेसमेन हूँ और मेरा जन्म और जीवन बिहार में बिता है| हमारा बिजनेश आंतर्राष्ट्रीय तर पर फैला है और कर्णाटक और तमिलनाडु तक फैला है| मैंने १९८३ में पढ़ाई के लिए घर छोड़ा| मुझे आधुनिक कृषी, कृषी विज्ञान, सलामत कृषी, ग्रीन हॉउस, और दूसरी कई कृषी टेक्नोलोजी का १९ साल का अनुभव है|

जब नितीश कुमार दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने तब मुझे बहुत ख़ुशी हुवी| देश और मातृभूमि की सेवा के हेतु से मैंने नितीश कुमार को कई पत्र लिखे की में बिहार के कृषि विकास में अपने अनुभव का योगदान डे सकता हूँ| मैंने मुख्यमंत्री कार्यालय को ४ पत्र लिखे और मिलने का वक्त माँगा| पर वहां से मुझे कोई प्रत्य्तर नही मिला|

काफी कोशिशो के बाद मुझे श्री अशोककुमार सिंग (एसीपी) को मिलने की मंजूरी मिली| मैंने एक प्रेजन्टेशन तैयार किया की किस तरह से हम बिहार में कृषि का विकास कर के कायापलट कर सकते है| पर हमारी मीटिंग महज 30 सेकंड में ख़त्म हो गयी और मुझे रुखा सुखा जवाब दे दिया गया की “ बिहारमें डेवलपमेंट का काम हमारा हैं आप लोग कंपनीवाले हैं अपना काम कीजिये , हमें आपसे सिखने की जरुरत नहीं हैं ” ये मेरी अपनी मातृभूमि की सेवा करने की भावना का अंत था| बिहार की सरकार के इस अपमानजनक वर्तन से मैंने फिर से कभी बिहार में पैर नहीं रखने का निर्णय किया|

नरेंद्र मोदी के गुजरात का अनुभव:
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इज़रायल के हमारे सहयोगी ने भारत में हमारी कपनी के प्लांट लगाने पर विचार किया और गुजरात में फेक्ट्री लगाने की योजना बनाने के लिए मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा| और २ दिन के बाद मुझे मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आया की आप राज्य सरकार से क्या अपेक्षा रखते है? और इसी के साथ मुझे २ दिन बाद शाम ४.३० बजे मुख्यमंत्री के साथ १५ मिनिट मीटिंग का वक्त दिया गया है ये बताया गया| मुझे यकीन नहीं हो रहा था की एक ही देश में दो अलग राज्यों के सरकार की प्रणाली में इतना फर्क हो सकता है |

जिस दिन हमारी मीटिंग थी उस दिन भी मुझे मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आया की आज आपकी शाम ४.३० बजे मुख्यमंत्री से मुलाकात है| मुझे यकीन नहीं हो रहा था की में प्रत्यक्ष नरेंद्र मोदीजी से मिलनेवाला हूँ| मुझे लगा उनके साथ उनकी अफसरों की पूरी टीम भी होगी जो मेरे साथ बातचीत करेंगे| में थोडा नर्वस भी था | जिन्दगी में पहेली बार किसी ऐसे महान व्यक्ति से मिलनेवाला था|

श्री नरेंद्र मोदी वाईब्रंटगुजरात की मीटिंग में व्यस्त होने के कारन हमारी मुलाकात कुछ देर से शुरू होगी और मुझे इसकी जानकारी भी दे डी गई थी| मीटिंग पूरी होने के बाद मुझे एक रूम में भेजा गया जहाँ मोदीजी और उनके अलावा कृषि मंत्री और कृषी विभाग के मुख्य सचिव मौजूद थे| मोदीजी ने मेरा नाम लेके मेरा स्वागत किया| उनकी विनम्रता से में एकदम स्वस्थ हो गया| उनकी सादगी ने मुझे जित लिया| उन्होंने बड़े ही ध्यान से और उत्सुकता से हमारी पूरी योजना के बारे में जानकारी ली और चर्चा की और राज्य की और से हमें क्या मदद मिल सकती है उसकी पूरी जानकारी दी| जब मीटिंग खत्म हुवी तो मैंने उनके साथ एक फोटो खिचवाने का प्रस्ताव रखा और उन्होंने तुरंत उनके फोटोग्राफर को बुला कर हमारे साथ फोटो खिंचवाई| हमें मुख्यमंत्री और उनके सचिवो के नम्बर वाला बिजनेश कार्ड भी दिया गया और बताया गया की हमें किसी भी प्रकार की मदद की आवश्यकता पड़े तो हम सीधा उस नंबर पर संपर्क कर सकते है |

मीटिंग के २ दिन बाद मेरे ईमेल पर हमारे मुख्यमंत्री के साथ के फोटो भिजवाये गए

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा हमारा संपर्क किया जाता है और हमारी योजनाओ के विकास की भी जानकारी ली जाती है

क्या आपने कभी भारत में किसी सरकारी व्यवस्था को इस तरह से काम करते देखा है ??? ऐसे महान व्यक्ति को मिलना हमारे लिए एक दिलचस्प अनुभव रहा|

में कोई भी राजनैतिक पक्ष में नहीं हूँ और ना ही में किसी पक्ष का प्रचार कर रहा हूँ| मुझे लगा की दो अलग विचार और कार्यप्रणाली वाले मुख्यमंत्री के साथ का मेरा अनुभव आप के साथ बांटू||

आप स्पर्धा में है ही नहीं श्री नितीश कुमार..!!!!

निचे दी गई लिंक में श्री राजीब कुमार रॉय के खुद के शब्दों इस घटना का विवरण है जिस का यहाँ हिंदी अनुवाद किया गया है

http://www.mediasansad.com/2013/09/modis-gujarat-vs-nitish-kumars-bihar/
Unlike ·  · Share · 8 hours ago
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3 comments:

  1. superb, Till now I am not sure about Narendra Modi but after reading this it gives a positive feeling. I hope this is not the act of the PR agency working for Modi

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  2. It is the same with traitors in all such offices. Not surprised.

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  3. It is the same with traitors in all such offices. I am not surprised.

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